OUR "THEME SONG"
अब जैसा कि आजकल का चलन या दस्तूर है,ऐसे मौकों या आयोजनों पर एक "थीम-सॉंग" भी होना ही चाहिये, वरना लोग समझते है कि आयोजन में दम नहीं है,गोया कि "थीम-सॉंग" न हुआ, तो कुछ भी नहीं होगा ।लोगों का यह भरम बना रहे, इसलिये एक तथाकथित "थीम-सॉंग" हम भी यहाँ चिपकाये दे रहे हैं ।
सोचा तो पहले यह गया था कि "स्वर्णिम मिलन" का "थीम-सॉंग" ए०आर० रहमान से तैयार करवाया जाए; उनसे बात भी हो गयी थी; पर इसी बीच उनका बनाया "कॉमनवेल्थ गेम्स" वाला "थीम-सॉंग" रिलीज़ हो गया और दूसरे लोगों के साथ-साथ गलती से हमारे कानों में भी पड़ गया ।
बहरहाल, इस दुर्घटना के बाद हम एक दूसरा "थीम-सॉंग" टीप लाये हैं ।आवाज़ भी दमदार है ।
(अन्त में बस इतना ही और कहना है कि हालाँकि हमें मालूम है कि हर साल की "एलुमनी मीट" में आपमें से कई महानुभाव दिन में न आकर केवल रात को ही पधारते हैं; लेकिन भई, इस बार रात ही नहीं, दिन को भी आइयेगा )
जे सुनिये (...और,सुनियेगा पूरा......अन्त तक ) :
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"थीम सॉंग" सुन लिया ?
अग़र जे गाना भी अभी आप में यहाँ तक आने लायक जोश पैदा न कर पाया हो, तो हवा भरने के लिये एक ठो अउरो गाना है हमारे पास..........आपको यहाँ तक लाने का एक और (इससे भी) बड़ा बहाना या वजह !
....वो ये कि हो सकता है इस "मिलन" में उनसे भी आपका मिलन हो जाये....अरे वही,जिनकी मीठी-मीठी याद आपको आज भी कुछ ख़ास पलों में बेहद शिद्दत से आती है; जिनसे चाहा तो था ज़िन्दगी में कभी न बिछड़ना; लेकिन चाहे-अनचाहे अलग होना ही पड़ा ।
तो बस अब आ ही जाइये...मौका "सुनहरा" है - उनके दीदार का ( बार-बार नहीं आयेगा ! )
तब तक उस ज़माने के "would be", बल्कि यों कहें कि "could be" alumni couples की नाक़ाम हसरतों के जनाजे पर अक़ीदत का एक फूल हमारा भी....
जे रहा .............
(इस फूल की महक भी आख़िरी साँस, मतलब शब्द, तक लीजियेगा)
दिल की ये आरज़ू कि रहे गुफ़्तगू मुदाम
आँखों की ज़िद कि हुस्न का दीदार कीजिये